राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और मुकेश साहनी की मछली पार्टी का वीडियो चुनावी माहौल में चर्चा का विषय बना हुआ है. मंगलवार (9 अप्रैल) को सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर वीडियो अपलोड किया गया था. उस दिन पहला नवरात्र था. तेजस्वी के हैंडल से वीडियो अपलोड हुआ. देखते ही देखते नवरात्री में तेजस्वी के मछली भोज पर विवाद खड़ा हो गया.
अब वीडियो के सत्य परीक्षण के प्रयोग से आपको समझाते हैं कि वीडियो पर राजनीतिक बवाल सही है या गलत? वीडियो के साथ हेडर दिया गया- चुनावी भागदौड़ और व्यस्तता के बीच हेलिकॉप्टर में भोजन. बाकायदा वीडियो पर डेट भी डाली गई है. दिनांक है 08/04/2024अब पोस्ट की टाइमिंग गलत थी या विरोधियों की नीयत. ये बहस का विषय हो सकता है, लेकिन बिना तथ्यों की जांच के प्राइमाफेसी जो समझ में आया उस पर बड़े बड़े नेता ऊंचे-नीचे बयान देने लगे. नवरात्री के एक दिन पहले के मछली भोग को व्रत की पवित्रता से जोड़कर तेजस्वी यादव के हिन्दुत्व का टेस्ट करने लगे. सर्टीफिकेट भी बांटने लगे. वैसे हिन्दुत्व, धर्म कर्म और पवितत्रा पर सर्टिफिकेट बांटने की रिवायत नई नहीं हैं. एक खास वर्ग चुनावी सीजन में एक्टिव होता है.
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