December 22, 2024

आरएसएस-बीजेपी के बैकग्राउंड से निकला वो नेता जो पीएम मोदी को चुनावी मैदान में दे रहा है चुनौती!

अजय राय की पहचान उत्तर प्रदेश के वैसे राजनेता की है, जिसने हर दल का दामन थामा, चुनाव भी जीते और एक दल से दूसरे दल में जिनकी आवाजाही होती रही है.अजय राय इन दिनों उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी से कांग्रेस के उम्मीदवार भी. इन दोनों भूमिकाओं में वे कितने कामयाब होते हैं, ये चुनावी नतीजों से तय होगा.लेकिन इतना तय है कि कांग्रेस ने उन्हें उत्तर प्रदेश का अध्‍यक्ष बनाकर उनकी राजनीतिक हैसियत काफ़ी बढ़ा दी. ये पद उन्‍हें कुछ ही महीने पहले तब मिला, जब राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद विपक्षी दलों ने कांग्रेस की अगुवाई में बीजेपी के ख़िलाफ़ एक प्‍लेटफ़ॉर्म तैयार किया और उसका नाम ‘इंडिया’ रखा था.हालांकि उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई लोग यह पूछते हैं कि आख़िर अजय राय को कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य का अध्यक्ष क्यों बनाया?वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र शुक्ला इस सवाल का जवाब देने की कोशिश करते हैं. उनके अनुसार, ‘यूपी में अपनी खोई हुई सियासी ज़मीन पाने के लिए कांग्रेस लगातार प्रयोग करती रही है. इसी कड़ी में कांग्रेस को यूपी में प्रदेश अध्यक्ष के लिए एक ऐसे चेहरे की दरकार थी जो जुझारू हो और जनता से कांग्रेस को जोड़ सके.

अजय राय की पहचान उत्तर प्रदेश के वैसे राजनेता की है, जिसने हर दल का दामन थामा, चुनाव भी जीते और एक दल से दूसरे दल में जिनकी आवाजाही होती रही है.अजय राय इन दिनों उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी से कांग्रेस के उम्मीदवार भी. इन दोनों भूमिकाओं में वे कितने कामयाब होते हैं, ये चुनावी नतीजों से तय होगा.लेकिन इतना तय है कि कांग्रेस ने उन्हें उत्तर प्रदेश का अध्‍यक्ष बनाकर उनकी राजनीतिक हैसियत काफ़ी बढ़ा दी. ये पद उन्‍हें कुछ ही महीने पहले तब मिला, जब राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद विपक्षी दलों ने कांग्रेस की अगुवाई में बीजेपी के ख़िलाफ़ एक प्‍लेटफ़ॉर्म तैयार किया और उसका नाम ‘इंडिया’ रखा था.हालांकि उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई लोग यह पूछते हैं कि आख़िर अजय राय को कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य का अध्यक्ष क्यों बनाया?वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र शुक्ला इस सवाल का जवाब देने की कोशिश करते हैं. उनके अनुसार, ‘यूपी में अपनी खोई हुई सियासी ज़मीन पाने के लिए कांग्रेस लगातार प्रयोग करती रही है. इसी कड़ी में कांग्रेस को यूपी में प्रदेश अध्यक्ष के लिए एक ऐसे चेहरे की दरकार थी जो जुझारू हो और जनता से कांग्रेस को जोड़ सके.

Spread the love